बेचैन हूँ मैं कौन हूँ,ये सोचकर
मैं कौन हूँ, बेचैन हूँ ये जानकर
कहाँ खड़ा हूँ, किधर मुड़ा हूँ,
अपनी यादें रोके अवाक् पड़ा हूँ
बहुत तेज़ धड़कता है,
दिल हर बात पर अटकता है
क्या सच है क्या स्वप्न मेरे
और क्या मेरे मन का भ्रम?
मेरे प्रश्न नहीं रुकते
मेरा अहम् नहीं सुनता
बेचैन हूँ मैं कौन हूँ, ये जानकर
मैं कौन हूँ, बेचैन हूँ ये सोचकर.
मैं कौन हूँ, बेचैन हूँ ये जानकर
कहाँ खड़ा हूँ, किधर मुड़ा हूँ,
अपनी यादें रोके अवाक् पड़ा हूँ
बहुत तेज़ धड़कता है,
दिल हर बात पर अटकता है
क्या सच है क्या स्वप्न मेरे
और क्या मेरे मन का भ्रम?
मेरे प्रश्न नहीं रुकते
मेरा अहम् नहीं सुनता
बेचैन हूँ मैं कौन हूँ, ये जानकर
मैं कौन हूँ, बेचैन हूँ ये सोचकर.
No comments:
Post a Comment