Thursday, April 17, 2014

हाँ हाँ, मैं भी "vote" दे रही हूँ इस बार.

सन २०१४ में कुछ आश्चर्यजनक हो रहा है. दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र (आबादी के आधार पर) भारत में इस बार आम चुनाव हो रहे हैं. इस बार ८१ करोड़ से ज्यादा भारतीय मतदान करने वाले हैं. इनमे से ११ करोड़ ऐसे हैं जो पहली बार मतदान करेंगे. यही नहीं, इन ८१ करोड़ मंदाताओं में से ४० करोड़ मतदाता युवा वर्ग यानि ३५ से कम आयु के हैं. मैं उसी युवा वर्ग का हिस्सा हूँ . एक ऐसा वर्ग जिसने भारत में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं.

मेरा ये मानना है कि हम सिर्फ आधुनिक जीवनशैली के वशीभूत जीने वाले लोग नहीं हैं जो २४ घंटे सातों दिन बारहों महीने अपने cellphone की स्क्रीन में डूबा रहता है. हम अपने आस पास की घटनाओं से अनछुए नहीं हैं. हम उसका हिस्सा है, हम युवा हैं एक नौजवान देश का. एक परिपक्व युवा वर्ग जो जीवंत है, आगे की सोच रखता है, पिछली रीतिओं और बन्धनों को तोड़ रहा है. एक ऐसा वर्ग जो सवाल पूछने से हिचकिचाता नहीं है. ये अभूतपूर्व परिस्तिथि है. इस बार आम चुनाओं में कुछ अद्भुत हो रहा है. ये युवा भारत है और ये कभी सोता नहीं है.


मैंने एक छोटा सा सर्वेक्षण किया. मैं अपनी महिलमित्र-मंडली के विचार जानना चाहता था इस बार हो रहे चुनावों और बदलते राजनैतिक समीकरणों के बारे में. मुझे कुछ अद्भुत देखने को मिला. आमतौर पर राजनीति से, चुनावी मुद्दों से, आर्थिक और सामाजिक सवालों से दूर रहने वाली लड़कियां न सिर्फ इन विषयों पर वाद-विवाद कर रही है बल्कि प्रश्न पूछ रही है. अपने विचारों को शक्ति के साथ सामने रख रही है. ये वही लड़कियां हैं जिनपर कभी "अपनी सीमा से ज्यादा" स्वछन्द होकर जीने के लिए, आधुनिक कपडे पहनने के लिए, आधुनिक सोच रखने के लिए सवालिया निगाहों से देखा जाता है, कोसा जाता है और हमारी संस्कृति को भ्रष्ट करने का आरोप झेलना पड़ता है. मुलायम सिंह और आजम खान जैसे नेताओं के बयानों को ये बारीकी से देख सुन और समझ रही है. शीला दीक्षित और ममता बनर्जी के स्त्री-विरोधी विचार भी याद हैं इन्हें.

मेरे सर्वेक्षण में तकरीबन 60 फ़ीसदी लड़कियां भारतीय जनता पार्टी और उसके प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी का समर्थन कर रही हैं. बाकि 30 फ़ीसदी आम आदमी पार्टी की सोच से प्रभावित हैं. केवल कुछ ही ऐसी थी जो अभी भी राजनीति को घृणा की दृष्टि से देखती हैं. और ये विचार किसी विज्ञापन या किसी धरने से प्रभावित नहीं थे. ये इनके अपने विचार थे. मैंने इन सबसे विस्तार से बात की और इनके समर्थन या विरोध का कारण भी पूछा. महिलाओं की सुरक्षा, सामाजिक और धार्मिक समानता, आर्थिक नीतियों पर सामंजस्य जैसे विषयों पर इन्होने अपने विचार दिए. इनके उत्तर ऐसे थे जो हमारे नेताओं को निशब्द कर देंगे. कुछ नया होने वाला है. पूरा देश इन्हें देख रहा है और ये पूरे देश को.

इन्होने तो तय कर लिया है. आप भी जागो. इस बार मतदान जरूर करना. भारत का भविष्य कैसा होगा ये अब हम पर निर्भर करता है.
जय हिन्द.

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