अरे तेरी जरुररत है, क्यूँ भाग जाता है
अभी यहीं थम के बैठ, मेरे पास वक़्त बिता
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे?
मैं जिस पल में आँख मूँद सोचता हूँ नाम उसका
उस एक पल में तू क्यूँ भाग जाता है
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे
वर्तमान में, भविष्य में और भूतकाल में हो आता है
क्यूँ एक साथ हर समय में रहता है
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे
मैं पिंजरे में बंद पन्छी हूँ, मुझे मेरी सीमा पता है
पर तू उन्मुक्त पवन है, फिर भी मुझे छोड़
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे
अभी यहीं थम के बैठ, मेरे पास वक़्त बिता
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे?
मैं जिस पल में आँख मूँद सोचता हूँ नाम उसका
उस एक पल में तू क्यूँ भाग जाता है
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे
वर्तमान में, भविष्य में और भूतकाल में हो आता है
क्यूँ एक साथ हर समय में रहता है
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे
मैं पिंजरे में बंद पन्छी हूँ, मुझे मेरी सीमा पता है
पर तू उन्मुक्त पवन है, फिर भी मुझे छोड़
कहाँ जाता है ऐ दिल मेरे
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