कुछ बहुत धीमे से फिसला है मेरे हाथों से,
ध्यान नहीं है,
होगा कुछ छोटा सा,
पता नहीं कब छिटक पड़ा,
कोई आवाज़ नहीं आई,
होगा कुछ गैर जरूरी सा.
कोई अवसाद नहीं मुझको,
कोई चिंता नहीं,
कागज का टुकड़ा था शायद ,
या कोई पुरानी चाभी थी,
हो सकता है ये वहम हो मेरा,
पर याद है कुछ खोया है.
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