Friday, August 30, 2013

रूपया, तेल और प्याज का तड़का.

-अजी सुनते हो, रूपया गिर गया है!
-कौन गिर गया?
-रूपया, अरे हमारा रूपया गिर गया है?
-कहाँ गिरा वो, चोट तो नहीं लगी?
-अरे! पूरी बात तो सुन लिया करो. बाज़ार में गिर गया,
  डॉलर के मुकाबले आज रूपया फिर से गिर गया.
-डॉलर? डॉलर से क्यूँ लड़ रहा था?
-अरे लड़ नहीं रहा था. हे भगवान्! अब तुम्हे कैसे समझाऊँ?
-क्या समझने-समझाने की बात कर रही हो? रूपया गिर गया है तो उसे मरहम लगाओ, चोट लगी होगी.
 एक काम करो जरा से तेल गर्म करके लगा दो.
-अरे तेल का तो नाम मत लो, ११२ डॉलर का एक बैरल मिलता है आजकल.
-ये तुम कौन से तेल की बात कर रही हो?
-अरे एक ही तो तेल है जी, कच्चा तेल! जिसके लिए आजकल अमरीका सीरिया जा रहा है लोकतंत्र स्थापित करने.
-अरे भागवान! मैं सरसों तेल की बात कर रहा हूँ.
-तो क्या रुपये की चोट पर अब सरसों लगाओगे? सरसों भी महंगा हो गया है. इस चोट का इलाज तो मनमोहन की FDI भी नहीं कर सकी.
-जब से ये अर्नब गोस्वामी का "Nation wants to know" शुरू हुआ है गृहणियां भी "Financial Experts"  बन गयी हैं.
-हुंह ! अगर हम न होती तो घर का "budget" कभी संभाल नहीं पाते.
-अच्छा, वो सब छोड़ो ये बताओ खाने में क्या बना है?
-दाल-चावल बने हैं. फ्रिज में पड़े हैं, निकल कर खा लो. मैं "Times Now" देख रही हूँ.
-अच्छा एक काम करो, कम से कम तड़का तो लगा दो. मुझे "उतरन" देखनी है.
-एक मिनट रुक जाओ, "GDP" के बारे में बता रहे हैं. और हाँ! प्याज ८० रुपये किलो हो गया है, सिर्फ जीरे का तड़का लगाओ अब.

2 comments:

Followers